सोने का महत्व
सोने का महत्व
सोना (Gold) सिर्फ एक कीमती धातु नहीं है — यह आर्थिक सुरक्षा, सांस्कृतिक प्रतीक और निवेश का साधन भी है। भारत में विशेष रूप से सोना गहनों, दहेज, पूजा और बचत दोनों ही रूपों में अहम भूमिका निभाता है।
सोने की कीमत: इतिहास की झलक
सोने की कीमत समय के साथ धीरे-धीरे नहीं, बल्कि कई बड़े उछाल और गिरावट के दौरों में बढ़ी है। आइए कुछ प्रमुख चरण देखें:
युग / दशक | 10 ग्राम (24 कैरेट) की औसत कीमत* | मुख्य कारण / टिप्पणी |
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1964 | ~ ₹ 63.25 CreditMantri+2Arthgyaan+2 | शुरुआती बुनियादी स्तर |
1975 | ~ ₹ 540 CreditMantri+224karat.co.in+2 | वैश्विक तेल संकट, मुद्रास्फीति 24karat.co.in+2Aditya Birla Capital+2 |
1990 | ~ ₹ 3,200 Arthgyaan+3CreditMantri+3Motilal Oswal+3 | आर्थिक मोर्चे पर उतार-चढ़ाव Motilal Oswal+2IIFL Finance+2 |
2000 | ~ ₹ 4,400 francisalukkas.com+3Forbes India+3CreditMantri+3 | अपेक्षाकृत स्थिर दौर ClearTax+2IIFL Finance+2 |
2010 | ~ ₹ 18,500 francisalukkas.com+4BankBazaar+4Forbes India+4 | तेजी का दौर, वैश्विक दबाव Aditya Birla Capital+2IIFL Finance+2 |
2020 | ~ ₹ 48,651 Motilal Oswal+4Forbes India+4ClearTax+4 | कोविड-19, आर्थिक अनिश्चितता IIFL Finance+1 |
2024 | ~ ₹ 77,900 (लगभग) IIFL Finance+4BankBazaar+4Motilal Oswal+4 | लगातार बढ़ोतरी Forbes India+2Motilal Oswal+2 |
2025 (अक्टूबर) | ~ ₹ 1,27,820 (10 ग्राम) Forbes India | रिकॉर्ड स्तर पर पहुँचते मूल्य |
* ध्यान दें: ये औसत मूल्य हैं और शहर, शुद्धता (कैरेट) और अन्य शुल्क के अनुसार भिन्न हो सकते हैं।
सोने की कीमत क्यों बढ़ती है? — प्रमुख कारण
सोने की कीमत पर असर डालने वाले कई कारक हैं। इनमें से कुछ प्रमुख:
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अंतरराष्ट्रीय सोना बाजार और डॉलर का प्रभाव
सोने का वैश्विक बाज़ार अमेरिकी डॉलर में मूल्य निर्धारण करता है। यदि डॉलर मजबूत हो, तो अन्य मुद्राओं में सोना महंगा हो जाता है। -
भारतीय रुपया (INR) की कमजोरी
जब रुपया गिरता है, तो सोना आयात करना महंगा होता है — इस वजह से घरेलू कीमतें बढ़ती हैं। -
मांग और आपूर्ति (Demand & Supply)
त्योहारों, शादियों या निवेश मांग बढ़ने पर मूल्य ऊपर जाते हैं। जबकि सोने की खदानों से निष्कर्षित आपूर्ति सीमित होती है। -
मुद्रास्फीति (Inflation)
उच्च मुद्रास्फीति से लोग धन को स्थिर रखने के लिए सोना खरीदते हैं। -
अंतरराष्ट्रीय अनिश्चितता और राजनीतिक तनाव
युद्ध, आर्थिक मंदी, वित्तीय संकट आदि के समय निवेशक सुरक्षित परिसंपत्तियों की ओर जाते हैं — जिसमें सोना सबसे प्रमुख है। -
निवेश बाज़ार के रुझान
यदि शेयर बाज़ार गिर रहा हो, तो अधिक लोग सोना खरीदने लगते हैं। -
कर, आयात शुल्क और स्थानीय लागत
भारत में सोना ज़्यादातर आयात किया जाता है। इसलिए शिपिंग, कस्टम शुल्क, स्थानीय कर और विक्रेता का मार्जिन कीमतों को प्रभावित करते हैं। Tickertape+2IIFL Finance+2
2025 में सोने की स्थिति और रुझान
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अक्टूबर 2025 में सोने की कीमत लगभग ₹ 1,27,820 प्रति 10 ग्राम (24 कैरेट) दर्ज की गई है। Forbes India
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इस साल की शुरुआत से ही सोने की कीमत में जोरदार वृद्धि देखने को मिली है — मई-जून में भी रिकॉर्ड स्तरों पर पहुंचने की खबरें थीं। The Times of India+2Forbes India+2
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त्योहारों (जैसे धनत्रयोदशी, दिवाली) के समय सोने की मांग बढ़ जाती है, जिससे प्रीमियम (उपरी मूल्य) और कीमतें और ऊपर जाती हैं। Reuters+2Reuters+2
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कुछ विश्लेषक मानते हैं कि सोने की कीमत और बढ़ सकती है — ₹ 1,50,000 प्रति तोला (लगभग 11.66 ग्राम) तक — यदि आर्थिक अनिश्चितता, मुद्रास्फीति और वैश्विक दबाव बने रहें। Maharashtra Times+1
सोने में निवेश: फायदे और चुनौतियाँ
फायदे
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मूल्य संरक्षण: समय के साथ सोने का मूल्य गिरने की बजाए बढ़ने का रुझान रहा है।
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विविधीकरण (Diversification): किसी निवेश पोर्टफोलियो में सोना शामिल करने से जोखिम कम हो सकता है।
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तत्काल नकदी (Liquidity): तुरंत बेचने पर सोना आसानी से नकदी बन सकता है।
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सुरक्षित आश्रय (Safe Haven): आर्थिक संकट, मुद्रास्फीति, या बाजार उतार-चढ़ाव में सोना सुरक्षित विकल्प माना जाता है।
चुनौतियाँ / जोखिम
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उच्च अव्यवस्था (Volatility): सोने की कीमतें कभी-कभी अचानक ऊपर-नीचे होती हैं।
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भंडारण व सुरक्षा: भौतिक सोना रखने में चोरी या सुरक्षा का जोखिम रहता है।
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कैरट / शुद्धता समस्या: जाली या कम शुद्धता वाले गहने मिलने की संभावना।
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समय पर नुकसान: यदि आप गलत समय पर बेचें, तो आपको नुकसान हो सकता है।
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न्यून व्याज दरों की संवेदनशीलता: यदि ब्याज दरें बढ़ें, तो सोने की मांग कम हो सकती है।
भविष्य की संभावनाएँ
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अगर मुद्रास्फीति में वृद्धि बनी रहे और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता बनी रहे, तो सोने की कीमत और बढ़ सकती है।
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लेकिन यदि केंद्रीय बैंक (भारत और अन्य देशों) ब्याज दरों को तेजी से बढ़ाते हैं, तो सोने की आकर्षकता थोड़ी कम हो सकती है।
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साथ ही, नई तकनीकें, इलेक्ट्रॉनिक सोना निवेश उत्पाद (ETFs, डिजिटल सोना) और निवेश विकल्पों की उपलब्धता से सोने की मांग में बदलाव आ सकता है।
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